जंगल में जोगी बसता है
हर हर ओम ओम हर हर ओम ओम।। (टेक)
जंगल में जोगी बसता है, गह रोता है गह हँसता है।
दिल उसका कहीं नहीं फँसता है, तन मन में चैन बरसता है।।
हर हर...
खुश फिरता नंगमनंगा है, नैनों में बहती गंगा है।
जो आ जाये सो चंगा है, मुख रंग भरा मन रंगा है।।
हर हर...
गाता मौला मतवाला जब देखो भोला भाला है।
मन मनका उसकी माला है तन उसका शिवाला है।।
हर हर....
पर्वाह न मरने जीने की, है याद न खाने पीने की।
कुछ दिन की सुधि न महीने की, है पवन रुमाल पसीने की।।
हर हर...
पास उसके पंछी आते, दरिया गीत सुनाते हैं।
बादल स्नान कराते हैं, वृछ उसके रिश्ते नाते हैं।।
हर हर....
गुलनार शफक वह रंग भरी, जाँगी के आगे है जो खड़ी।
जोगी की निगह हैरां गहरी, को तकती रह रह कर है पड़ी।।
हर हर...
वह चाँद चटकता गुल जो खिला, इस मेहृ की जोत से फूल झड़ा।
फव्वारा फहरत का उछला, फुहार का जग पर नूर पड़ा।।
हर हर....
ॐ
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